- Nagendra Kumar Jha neek drishya, muda ekhan dhari haiku kiyo nai likhlanhi
- Brikhesh Chandra Lal १
हवामे कल्पनाक
भरा उडान
चरैअऽ घोड़ा !२
आनि कऽ आश
सोझाँमे फुसलाए
धरैअऽ घोड़ा !
३
आशे तँ छैक
जीवन जगतमे
कहैअऽ घोड़ा !
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यMalene Thyssen, http://commons.wikimedia.org/wiki/User:Malene, WikipediaThis file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 2.5 Generic license.)
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