१
लैत ढुइस
कालिदासे लड़ैए
टुड़नीपर
२
माछक घर
सहथ गाँथि आनी
अपना घर
३
समुद्र थल
मिलैए अकासमे
त्रिशंकु भेल
४
प्रकृति ऐना
उधियाइत दृश्य
मोनक ऐना!
५
निचुका ढाला
उपरका चढ़ाइ
दुनू सरल
६
गोड़ाक लीद/ घोड़े सन रंगक/ आ रूपक छै
७
घर हमर/ नारक टाल सन/ उड़िऐत नै
८
आसक अछि/ पनिसोखा उगल/ चलू बढै छी
९
भेल उबेर/ उगल पनिसोखा/ काज करै छी/ बहराइ घरसँ/ बाट भेटल अछि (टनका)
१०
पनिसोखा ई/ उगल अकासमे/ उपरे ऊपर! (शेनर्यू)
११
आह, आब हएत उबेर, उगि गेल अछि पनिसोखा, खुजि गेल अछि बाट, बनिहार बिदा भेल बनिज करए, आ किसान बीया उखारि रोपनि लेल आ हम बिदा भेलौं कोनो अकाजक काज लेल, अन्तहीन बाटपर, सुकाजक काज लेल , दिशाहीन ठमकल चौबटिया दिस।
बाट तकैत
ताकी अकास दिस
विचित्र भ्रम
जेना ई पनिसोखा
उगि खोलत बाट
तखन फेरसँ ताकब, हेरब अपन समान, आ बर्खा होइ धरि चलैत रहब। तँ ई कहब जे बर्खा होइ धरि चलैत रहब कोनो पलायन तँ नै। पनिसोखा उगले अछि, बाट खुजले अछि आ हम बाट ताकि रहल छी आबैबला बर्खाक?
सतरंगिया
अछि ई आस
उगैए आस
डुबबाले अकास
बनि गेल संत्रास
(हैबून -दू टा गद्य आ दूटा टनका युक्त)
१२
सेहन्ता लेने/ ठाढ़ छी मरियो कऽ/ देखबै दिन
१३
कपोत नृत्य /गजदन्त बनल/ छी ठाढ़ सोझाँ
१४
टकराइए / हहारोह करैत/ टूटि जाइए
१५
अमरलत्ती/ गछारने गाछकेँ/ ओकरा मारि/ अपने बनि गेल/ अछि अमरलत्ती
१६
गरजै मेघ/ चमकैए बिजुरी/ प्रकृति नृत्य
१७
बिजुरी देखि/ मोन पड़ैए प्रेम / जे नै भेटल / हिलोरैए मेघ ई/ ह्रिदै भीतरधरि
१८
घिचै छी आस/ बरफपर नाह/ बिन प्रयास/ मोनक उछाही आ/ आसक प्रयासमे
१९
अम्ल बरखा/ नमछुरुक अछि/ देलियन्हि कऽ/ सुड्डाह सेहो बनि/ बनि काल-बरखा
२०
जीवन-बर्खा/ बर्खा दैए जीवन/ अम्लक बर्खा/ छद्मवेशी बनि कऽ / बनल मृत्यु-बर्खा
२१
जरियो गेल/ तैयो अछि ठाढ़ ई/ मुँह दुसैत
२२
सजीव हीन / सृष्टिविहीन लोक/ असगर छी/ कला तैयो मरल?/ नृत्य तैयो रुकल?
२३
मखान पान/ दिन तका भेटैए/ पहिचान जे/ पैकारक हाथमे/ बिका रहल अछि
२४
अहरा अछि/ पिरारक फड़ ई/ गरीबक यौ
२५
रातिक झोंझ/ राति अपने अछि/ कीड़ा आ चिड़ै/ वातावरण अछि/ शान्त आकि भुताह
२६
बौआचौरीमे/ चरि पेट लटकै/ घर घुरु ने/ चरबाहकेँ ताकै/ निकेना तँ अछि ओ
२७
अपरम्पार/ माइक ममताक/ विलक्षणता