मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

हाइकू



राइत दि‍न/ कोनो नै अछि‍ हीन/ नाप-जोखमे।


गुण-दोषसँ/ एक-दोसर बीच/ अबैए फाँट।


दि‍न प्रतीक/ बनि‍ ज्ञानक अछि‍/ भेल महान।


राइत अछि‍/ अज्ञानक प्रतीक/ लोक कहैए।


दि‍नकेँ दुन्‍नी/ राति‍ चौगुन्‍नी सेहो/ लोके कहैए।


नि‍र्णए लि‍अ/ नीक संग अधला/ होइते अछि‍।