गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

हाइकू


मुखिया -:
चुनाव लेल
पहिरे लागल ये
खादी कुरता

सरपंच-:
बुझायल जों
महिमा चुनाव के
गेल बोराय

पंच-:
दारु,टका सों
ख़रीदे रहल ये
सबटा वोट

वार्ड-सदस्य -:
चुनावी नैया
पार करय लेल
जोड़ैत हाथ

जनता-:
पाँच साल के
निकालैत छिकार
ये बुधियार

हाइकू

दादा -:
नेता बनिके
पहिरे लागल ये
खादी कुरता

दादी-:
पान चबौने
नेने हाथ में लाठी
घूमि रहल

बाबूजी -:
धिया पुता ले
रौद में दिन भरि
खटैत रहे

माय -:
बनि पुतौह
करैत ये चाकरी
अपने घोर


बहिन -:
भेल जवान
बियाहक आस में
गिनैत दिन

भाई -:
लुच्चा बनिके
अंगना दुआर पे
छिछियाबैत

हम -:
देखि सुनि के
परिवारक गाथा
भेलोंउ क्षुब्ध

हाइकू

1
संगोर राति
दिन राति सन-ए
आ राति राति
2
दूर क्षितिज
मुँह घुरौने सभ
अपने भेर
3
दूर क्षितिज
वृत्तक नहि अंत
लगक छद्म
4
मेघक सीढ़ी
अकासक मचान
हिम छारल


5
अन्हार जोति
कएल प्रकाशित
अंतःप्रकाशे
6
सलाढ़ आब
अरियालङ्घनक
बादक हाल
7
अगरजित
खसब नै उठब
ओतै रहब
8
साँप घुमैत
पहुँचैए शिखर
रस्ता बनैए
9
जलपै बेढ़ी
बोनाठ धमाउर
उपटाएब
गजल
10
डलबाह नै
पंजियार भगता
भगैतिया नै
11
केराक बीर
काज करब कनी
खाएब टुस्सा
12
घुमौआ मोड़
चौबटिया बनि कऽ
आनैए आस
13
झरैए पानि
बनबैए धार आ
बढ़ैए आगाँ