दादा -:
नेता बनिके
पहिरे लागल ये
खादी कुरता
दादी-:
पान चबौने
नेने हाथ में लाठी
घूमि रहल
बाबूजी -:
धिया पुता ले
रौद में दिन भरि
खटैत रहे
माय -:
बनि पुतौह
करैत ये चाकरी
अपने घोर
बहिन -:
भेल जवान
बियाहक आस में
गिनैत दिन
भाई -:
लुच्चा बनिके
अंगना दुआर पे
छिछियाबैत
हम -:
देखि सुनि के
परिवारक गाथा
भेलोंउ क्षुब्ध
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