१.वास मौसमी,
मोजर लुबधल
पल्लव लुप्ता
२.घोड़न छत्ता,
रेतल खुरचन
मोँछक झक्का
३. कोइली पिक्की,
गिदरक निरैठ
राकश थान
४.दुपहरिया
भुतही गाछीक
सधने श्वास
५.सरही फल
कलमी आम-गाछी,
ओगरबाही
६.कोलपति आऽ
चोकरक टाल,
गछपक्कू टा
७.लग्गा तोड़ल
गोरल उसरगि
बाबाक सारा
८.तीतीक खेल
सतघरिया चालि
अशोक-बीया
९.कनसुपती,
ओइधक गेन्द आऽ
जूड़िशीतल
१०.मारा अबाड़
डकहीक मछैड़
ओड़हा जारि
११.कबइ सन्ना
चाली बोकरि माटि,
कठफोड़बा
१२.शाहीक-मौस,
काँटो ओकर नहि
बिधक लेल
हैबून १
सोझाँ झंझारपुरक रेलवे-सड़क पुल। १९८७ सन्। झझा देलक कमला-बलानक पानिक धार, बाढ़िक दृश्य। फेर अबैत छी छहर लग। हमरा सोझाँमे एकठामसँ पानि उगडुम होइत झझात बाहर अछि अबैत। फेर ओतएसँ पानिक धार काटए लगैत अछि माटि। बढ़ए लगैत अछि पानिक प्रवाह, अबैत अछि बाढ़ि। घुरि गाम दिशि अबैत छी। हेलीकॉप्टरसँ खसैत अछि सामग्री। जतए आयल जलक प्रवाह ओतए सामग्रीक खसेबा लए सुखाएल उबेड़ भूमिखण्ड अछि बड़ थोड़। ओतए अछि जन- सम्मर्द। हेलीकॉप्टर देखि भए जाइत अछि घोल। अपघातक अछि डर हेलीकॉप्टर नहि खसबैत अछि ओतए खाद्यान्न। बढ़ि जाइत अछि आगाँ। खसबैत अछि सामग्री जतए पानि बिनु पड़ैत छल दुर्भिक्ष, बाढ़िसँ भेल अछि पटौनी। कारण एतए नहि अछि अपघातक डर। आँखिसँ हम ई देखल। १९८७ ई.।
पएरे पार
केने कमला धार,
आइ विशाल