- Kislay Krishna avashy likhab....muda vidharahit kono parikalpana...bhai ee prayog neek achhi....kintu ham nav chij likhab apan nijtak lel...
- Kislay Krishna ई नील गगन आई हंसी रहल ...मुस्का रहल अछि धरती...
हे मीत चली घुरि गामे दिस अछि कानि रहल आइ परती.... - Gajendra Thakur बिजुरी देखि/ मोन पड़ैए प्रेम / जे नै भेटल / हिलोरैए मेघ ई/ ह्रिदै भीतरधरि (टनका)
- Brikhesh Chandra Lal सादर —
ई सजल नभ अछि गरजिरहल,
अछि सृजनहेतु ई भरती ।
चलू हाथ उठाऊ सहस्त्रवाहु,
करु धन्य अपन ई धरती ।।
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य Bidgee, Wikipedia. This file is licensed under the Creative Commons Attribution 3.0 Unported license.)
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