- Ira Mallick समुद्र तल
सँ दूर छितिज(kshitij) के
हम नपबै
एहि पार सँ ओहि
पारक खुशी जोहबै । - Sunil Kumar Jha चलू कs लीअ
नावक सवारी यो
शहर बीच
चांदनी रात बीच
चमकौवा नाव पs - मिहिर झा नभ शांत, धरा शांत, जल तरंग शांत यथा सब प्रगाढ़ निद्रा मे होई | निद्रा के ई अनुपम छवि |
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य- Mila Zinkova , Wikipedia,This file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 3.0 Unported license.)
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