- डॉ॰ शशिधर कुमर भेल भोरहरिया सुरूजक धाही / निन्न मे सूतल चकमक शहर / भाँग पीबि भकुआएल शहर
- डॉ॰ शशिधर कुमर ओना शायद ई नोर्वे आदि यूरोपीय देशक राति अछि , जतऽ निशिभाग रातियो मे सुर्य उगले रहैत अछि ।
- Avdhesh Thakur Anupam drishya.. Mann karye barabar dekhte rhe..dil khus v gel..
- Santosh Jha " जल, थल, नभ तीनू बौरायल - प्रकाशक प्रेम ओ सानिध्य मे / प्रकाश सेहो भिन्न भिन्न रूप धरैत, इठलाबय, इतराबय, रिझाबय , आ बन्हि के राखय सभ के अप्पन मोह पाश मे !
- Ira Mallick दूर गगन
मेँ निकलल चाँद
चाँनक गप्प
नहिँ भावय मोहि
निन्न उड़ल चैनोउड़ाय देत कंत
नहि अयला गेह
दुख दारुण भेल
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य Godoi, Wikipedia.This file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 3.0 Unported license..)
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