- Brikhesh Chandra Lal १
सटल शान्त / चूसैत छै छातीकेँ/अमरबेल !
२
मरब अहाँ /जीअत लौसँ रक्त /चूसएबला /अहाँ मुरझाएब /आ ओ अमरबेल !! - Ramashankar Jamayyar नए नए रंगों से लिखती धरती नई कहानी। तन मन को पल भर में भरती ऋतुएँ बड़ी सुहानी।
- Gajendra Thakur अमरलत्ती/ गछारने गाछकेँ/ ओकरा मारि/ अपने बनि गेल/ अछि अमरलत्ती
- Gajendra Thakur ब्रिखेश जी, बड्ड सुन्दर हाइकू आ टनका/ बड नीक हाइकू मिहिर जी..
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य Nyanatusita, Wikipedia. This work is licensed under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 License.)
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