- Santosh Jha “उशा काल मे रवि किरणक सुन्दरता के छिरियायब, भैर दुपहरिया शीतलता प्रदान करब, सान्झ-राति मे चिरै-चुनमुनक बसेरा, बोन, बारी-झारी, बाट-घाट वा सुसज्जित पार्क मे, जतय आ जहिना राखू तहिना रहब ! मुदा एकटा बात धरि कहब – कतबो हमरा पर प्रहार करू – फले-फूल देब, किछु हानि नै करब”.........
- Ira Mallick गाछ कँटीला
फल कतेक मीठा
तहियो हम
व्यँगवाण के भागी
दुष्ट सौँ उपमा दै
छै हमरा, ह्रूदय
विदीर्ण करै छैद
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यMarc Tokyo Watcher, Wikipedia.This work is licensed under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 License.)- ई बएरक (बैरक) गाछ अछि।
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