गुरुवार, 9 अगस्त 2012

ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यForest & Kim Starr , Wikipedia,This file is licensed under the Creative Commons Attribution 3.0 Unported license.)

    • Gajendra Thakur ‎"अपराजिता"
    • Ashish Anchinhar अपराजिता /तोरा बिनु संभव /नहि इ यात्री......
    • Ashish Anchinhar भगवतीक /अनेको रूपमे इ /अपराजिता.....
    • Ashish Anchinhar हरिअरक /बीच नील-उज्जर /नीक लगैए....
    • Nagendra Kumar Karna वहुत निक
      पुmल पुmलल छैक
      मन वैचेन
    • मिहिर झा अपराजिता / प्रिय भगवती के / अपरम्पार / महिमा छै एकर /रक्षा ओ विजय ले / दशमी यात्रा मे |
    • Nagendra Kumar Karna कने उदास
      पुmलबारीक पुmल
      आँहाक बिनु
    • मिहिर झा Clitoria ternatea
    • Om Prakash Jha Hariar kachor paatak bich sundar Apraajita Phool, Torai me ekra kono nahi dikkat, nahi achhi latti me shool.
    • मिहिर झा Medicinal Use :
      It alleviates swelling and pain. It has haemostatic action hence it is used in piles specially bleeding piles. Piles are cleaned with the decoction and the paste of whole plant is applied over it. Leaf juice is used as nasal
      drops in headache. Oil boiled with dhamasa is used for massage in rheumatoi4 arthritis..Decoction is used for gargling in stomatitis and for cleaning wounds. It prevents pus formation.It is used in constipation jaundice and piles Being haemostatic and blood purifier, it is useful in haemorrhagic disorders It is used in common cold, cough, asthma as it acts as an expectorant and reduces the irritation of respiratory organs. Being spermatogenic, it is given in semen debility
      September 6, 2011 at 4:21pm ·  · 7
    • Ashish Anchinhar ‎@mihir--- bhai neek jkankari...
      September 6, 2011 at 4:22pm ·  · 1
    • Gobind Jha aprajit achi
      September 6, 2011 at 5:12pm ·  · 2
    • Ira Mallick ढेर के ढेर
      फूल सब मेँ हम
      अलग पबै
      छी एकर सौँदर्य
      शाश्वत नीलवर्णी
      स्वर्णी अपराजिता।
      September 6, 2011 at 5:27pm via mobile ·  · 7
    • मिहिर झा Haren tu vichitren bhaswatkankamekhala l
      Aparajita bhadrarta karotu vijayam mam ll
      O deity Aparajita, You who adorn a necklace, a glittering golden girdle and who blesses devotees earnestly, bestow victory upon me.
      September 6, 2011 at 5:41pm ·  · 6
    • Ramashankar Jamayyar फूल-पत्तियों के सम्बन्ध में मेरा ज्ञान अत्यल्प है। लेकिन अपराजिता को देखकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हुई। गजेन्द्रजी को धन्यवाद एवं यह बताने के लिये कि यह अपराजिता है गोविन्दजी, ईड़ाजी एवं मिहिरजी को धन्यवाद।
      September 6, 2011 at 7:14pm ·  · 3
    • Sanjay Kumar Mandal AA HHA HA,KATEK HARIYAR KACHOR ACHHI, BAD NIK LAGAL
      September 7, 2011 at 8:10pm ·  · 3
    • Brikhesh Chandra Lal अपराजिता!
      नील अछि शोकमे
      किए ओकरा ?

      युद्धक खाली
      जोड़ल जाइत छै
      जीतहारसँ ?!

      प्रति आ अग्र
      गमनसँ घेरल
      जाइत छैक !

      शक्तिक खाली
      प्रतीक बनाकए
      ने जानि कए ?

      सोझहिं शक्ति
      आओर ताकतसँ
      साटिजोड़िकए,

      ओकर मन
      जीवनक उल्लास
      तोड़ितोड़िकए,

      स्वतन्त्र गति
      अस्तित्व-सपनाकेँ
      नोंचिनोंचिकए,

      लोककलेल
      मुदा लोढ़िलोढ़िक'
      फुलडालीमे,

      दबादबाकए
      पूजालेल कोंचल
      जाइत छैक !!
    • Brikhesh Chandra Lal एकर प्रत्येक तीन पांति हाइकूक मात्रा जकाँ मिलाओल गेल अछि । देखलजाय, कतहु नीक लागय !
    • Brikhesh Chandra Lal Dhanyabad , Gajendraji, Shantiji Ebam Bechanji.
    • Brikhesh Chandra Lal Mihirji. will you describe how should we use it in details?
    • मिहिर झा Brikhesh Ji, Ahan ke aagrah par hamar prayas : अपराजिता हम
      नील श्वेत वर्ण
      की छी ई शोकक रंग ?
      विजय यात्रा पर निकलथी
      हमरा बान्हि बाँहि पर
      पराक्रम युक्त शत्रुमर्दन
      गर्वान्वित होएत उल्लास
      विजय महोत्सव मे
      बैन शक्ति प्रतीक
      नहि कोई देखय
      दुर्दशा शत्रु पक्ष के
      तोड़ी हुनाक जीवन उल्लास
      फुलवाड़ी के फूल जेका
      नोचय अस्तित्व
      लोढ़ि लोढ़ि के
      हम अपराजिता |

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