- पंकज चौधरी Maithili mein sambhavtah Nadi aaor lahair dunu ke lel dhaar ke prayog hoit chhaaik.. ona aaro pratikriyaak baat joih rahal chhi...
- Rajeev Ranjan Mishra pankaj jee:dhar shabd lel nai..7 nahi pural tahi lel kahne rahi!!July 10 at 4:14pm · · 1
- पंकज चौधरी पात-पात सँ
धारक लहरि में
चूबैत पानि ena padhu Rajeev Ranjan Mishra ji...July 10 at 4:35pm · · 2 - Rajeev Ranjan Mishra pankaj ji :mihir jee dwara del gel ahi photo me gachh,briksh,duibh,paat aa baat drishtigochar achi....apne loknik samast rachna me baat nahi aail achi...dhyan deb!! hamra hisabe rachna ahi chitra ke dekhati hoyba ke chahi mihir jee k kahbak anusare!!July 10 at 4:42pm · · 2
- Om Prakash Jha Dhaar bahai ye
Chup achhi kachher
Phool hansai chhai - पंकज चौधरी हाइकू
बहै बसात
बरखा बरसल
मयूरी नाचै
बाट-बटोही
बरखा में भीजल
धारक कात
धारक पानि
हरियर कंचन
दूईभे सन
गाछ विरिछ
करय कनफुस्की
अपनहिं में
बरखा देखि
नाचि उठल सभ
प्यासल पात
पात-पात सँ
धारक लहरि में
चूबैत पानि
भीजल पात
छिरहारा खेलय
धारक संग
@पंकज चौधरी (नवलश्री)
<१०.०७.२०१२>July 10 at 5:15pm · · 4 - पंकज चौधरी घुप्प अन्हार
सड़क भेल धार
बिजुली खंभा.....??? kane arth pharchhiya ka' kahiyau ne Mihir Babu..July 10 at 6:05pm · · 1 - पंकज चौधरी सिसकय मेघ,
हंसय धरती,
मन्नुख सन्,..... haikoo ker dhancha 5/7/5 hoit aichh. ee ta' 6/6/5 mein aichh. kane sanshodhit karab aavashyak..! - Amit Mishra जंगल बीच , गरजैत झड़ना , निकलै गंगा
शोभै पहाड़ , सगरो हरियरी , गाछक अंगा
फूलक गंध ,पराग लेल भौरा , मचेने दंगा - Ira Mallick मनोहारी छै
कलकल बहैत
नदी के धार।
गप्प करैत
गाछ ,मौन दर्शक
छै घास। - मिहिर झा Neek haiku ira ji, dosar haiku ke antim paanti me 3 varn achhi, yadi "chhai" ke "banal" k di t haiku ke bahhv nahi badalat aa sankhya seho 5 bha jayet.July 11 at 1:43pm · · 1
- Ira Mallick माफ करब लिखै मेँ छूटि गेल -घास।
एकरा सुधारि कय फेर सँ लिख दै छी--
मनोहारी छै
कलकल बहैत
नदी के धार।
...See MoreJuly 11 at 1:55pm via mobile · - पंकज चौधरी Neek 5/7/5 Ira ji. Muda Haiku ke niyamanusaare गाछ, मौन दर्शक ker bhaav aspasht aichh छै घास पात। ke padhne bina... Hamra vichaare sansodhanak sambhavnaa aichh..!
- पंकज चौधरी जंगल बीच , गरजैत झड़ना , निकलै गंगा
शोभै पहाड़ , सगरो हरियरी , गाछक अंगा
फूलक गंध ,पराग लेल भौरा , मचेने दंगा..........teenu haikoo mein "anga" tukaant aayal aichh..! kee haikook ehan shrinkhla ke kichh vishesh naam del jaait chhaik..?
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
किछु हाइकू अहु पर (साभार मिहिर झा)
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