- डॉ॰ शशिधर कुमर .
हम चुनमुन्नी चिड़ै कहाबी ।
कुदकी फुदकी चह चह गाबी ।।. - Sunil Kumar Jha खजन चीडैया डाल पर
हरियर पियर लाल पर
उडैत रहता साँझ बिहान
बन, बाध आ ताल पर - Bhavesh Jha उडैत रहता साँझ बिहान
बन Bahut nik ............................> - Brikhesh Chandra Lal गीत
हँ रे सुगबा (५)
कने हमरो घुमा (७)
रे गगनमा । (५)हँ रे सुगबा (५)
उड़िउड़ि भोरक (७)
रे किरणमा ।। (५)
१
खूब स्वच्छन्द (५)
उड़ान लगबितौँ (७)
पीसौं सिनेह (५)
परान मिलबितौँ (७)
हिया जुड़बितौँ (७)
हँ रे सुगबा (५)
कने हमरो झुमा (७)
रे लगनमा । (५)
२
छोड़ि पी मोर (५)
ई लोक घुमोलनि (७)
अंग–अंगमे (५)
ई आगि लगोलनि (७)
बहुत सतोलनि (७)
हँ रे सुगबा (५)
कने हमरो चुमा (७)
रे चरणमा । (५)
३
लगा धिआन (५)
हम नामेँ जपितौँ (७)
फेरो जीयाकेँ (५)
हुनके चढबितौँ (७)
खूब तपबितौँ (७)
सुन सुगबा (५)
कने हमरो गुना (७)
गुण–ज्ञनमा । (५) - Ramesh Ranjan BAL GIT PAR EKTA POTHI LABIAU . PRATIKCHA ACHI HAMRA SAB KE.
- Chandramani Jha Jaeh bhaaw komal kislay bich saeh bhaaw kantakit daarhi par.Devtulya ee son chiraiya achhi tatasth kaantak duari par.Sukh-dukh me sambhaav rakhi jaun karee bharosha eeshwar par,Ahinaa chun-chun-gun gun kareit bha jaet sahaj jeevan ke safar.
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य J.M.Garg,This file is licensed under the Creative Commons Attribution 3.0 Unported license.)
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