- Gajendra Thakur ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यEugene van der Pijll आ InversionControl, wikipedia. This file is in public domain and under the terms of the GNU Free Documentation License, Version 1.2 respectively.)
- Kailash Mishra Delhi mai bhai tait chhai ki khela bahut din bha gail lagai achhai gam jai parat
- Ashish Anchinhar Kailash Mishra----- DELHI ME KAPSHERA BORDE PR JE SABJI MANDI CHAIK... TAHI THAM BHEQT..... AJADPUR MANDI KE PCHILA BHAG ( SHALIMAR BAG BALA RASTA LAG SEHO BHETAT)...... TATAKL NAHA VAYVASTH KENE RAHOOO...
- Ashish Anchinhar KI BHEL BHAI.... HAMRA LOKNI JAMAINE PHANKI KAY BAISAL CHI....
- Kailash Mishra Dhanybad. Bahut din ke bad gan ja rahal chhi hum sub ae ber ta tilkora our hum. Our nai kiyo ha..ha..ha..ha
- Aradhana Mallik hamra otay ai banal chhai ,tilkorak tarua ,,maachh aor bhaat ,sath me salad or vibhinn prakar ke tarua.... :))
- Bidyanand Mishra ahake bahut dhanyabad je ham tilkor ke paat ar phar ke darshan bhel. mumbai mahanagar mein darshan durlabh ahi
- Kailash Mishra Hum sub mitale ke chhi ne sub ta khana kha lev. Galti sub ta nikhe chij banal achhi
- Aradhana Mallik Kailash Mishra g mithila k kono ghar ehe nai hoyat jataya khenai kakhno kam pareet hoyat .... maa annpurna ke kripa sadikhan banle raheet chai ahi tham , aha sab nishchint bha kay auu .. je mon hoea jatek mon oea otek khau .... :).. atithi swgat ta mithila ke veshesh vesheshta achhi ....
- Kailash Mishra Bahut sundar bat. aa khir maa.bahin ke nik nik bichar se ta apan mitla ke bhart ke nam uch achhi
- मिहिर झा तिलकोर छी नोतक पात
एकर तरुआ संग माछ भात
देखि नहि रहि सकब कात
तरुआ उड़त हाथो हाथ
मैथिल जे देखथि तिलकोर
उमरय छन्हि हृदय हिलकोर
देखि एकरा जीह चटपटाय
जेना बीनु जल माछ छटपटाय - Ashish Anchinhar लागल भूख अछि बड़जोर
लबै जाउ बड़ी भात तिलकोर
ऐसि-बैसि कए हमही खाएब
तकरे बाद तँ गुण हम गाएब
अंतमे जँ दही रहतै
गंगा संग जमुनो बहतै
चटैत रहत हाथ अनचिन्हार
कहिया करब भोज कहू विचार...... - Murli Dhar Gajendraji, Ahi par Kono GHAZAL,HQ, SHER, RUBAI,NAJM< MUKTAK ee sab likha lel naih Likhaliyaee...September 16, 2011 at 8:25pm via · · 2
- Pratul Parashar बाह ... हमरा लगैत छलेह जे तिलकोरा के डिमांड आब कम भय गेल छय ... लेकिन अपने लोकैन जे उत्साह आ रुचिगर विचार देखिलापर मोन प्रसन्न भय रहल अइछ ... असल में की छय जे हम तिलकोरा तरुआ के भक्त छी ... चाहे केहनो खेत पथार ,,, या जंगल झाड़ी होय अगर हमरा तिलकोरा पात सुझि गेल त.. शहर-गाम नय देखैय छियय ... ओकरा तोड़ियेटा लय छी .. ओकर बाद अगर क्यो नय तैर देलक त... अपने स... तैर लय छी ... एहन स्वाद कोनो तरहक तरुआ मैं हमरा नय भेटाइत अइछ.... एखनो एकरा देखि क... मोन छटपटा रहल अइछ .. की करू नय फुरा रहल अईछ ... जय पर की आई पेट सेहो खराब अइछ ...
- Pratul Parashar गजेन्द्र जी स एकटा निवेदन... जे मिथिला के जायका सीरीज चलबियऊ और ओई में बिरिया के तरकारी के स्वाद सेहो लेबके इच्छा अइछ ... फोटो सहित... किएक की बिरिया के बनबई में शायद किछु मेहनत लगैत हैतय जे... आई कैल लोक बेद नय करै चाहैत छयथ ... सब किछु नौकर चाकर पर निर्भर भ.. गैल छय .. कम स कम एकर विधि बुझल रहैत त ... हम अपने स... बना लितऊ... आब त.. गांमो-घर में क्यों नई खुअबईत अइछ ...
- Anjani Bhardwaj भाई देखल जाऊ .....अप्पन मिथिलांचल में ......पान, माछ आ माखन .....प्रसिद्ध छे ..
और जहाँ तक तिलकोर क गाछ (तरुआ ) के बरनन छे ....मिथिला में रफी ....गीत में छे...
बरिये झारिये साग भेटेये चारे पर तिलकोर यो .. इ त पाहून खेबे करता नहीं बिचके ता ठोर यों..
आ हा एकता बात और प्रतुल भाई .....आए हम ..माछ ,भात आ तिलकोर के तरुआ खेलों है .... - Anjani Bhardwaj लोक बदली जाएत लिकिन ...वे मिथिला, वे नगरी ,वे पान ,वे माखन ,वे माछ आ वे तिलकोर रहत ......
जय मिथिला. - Pratul Parashar हा हा हा .... बहुत नीक बात .... अंजनी भाई .... इ त... अपन-अपन नसीबक गप छय... लेकिन पेट दुखेतउ.. ललचबई छें ..... ??????
- Pratul Parashar की कहु भाई दलिया और दही खा रहल छी ... असल में काईल दीदी ओतय गेल रही.. से बडड खुआ देलइन ... इ... त... गनिमत छल जे मिश्रा जी अपने नय रहैत नय त... उठईयो जोगर नय रैहतऊ..
- Anjani Bhardwaj तहखान की कहू भाई ....पथिया नहीं ,त बखारी...........जे मनुस क अप्पन पेट क ठेकान नहीं की ओ मनुख ....
- Kirti Jha Hamra bute likhnai ta nai paar lagat lekin tilkor ke taruaa banai sakai cheai. Hahaha...
- Anjani Bhardwaj कीर्ति जी अगर अहाँ तिलकोर के तरुआ बना सकेत छि त,ब्राह्मण बईसल छेत .खाए के लेल .............
- Ira Mallick चिक्कन पात,
तिलकोर्के , तरुआ
बड़ बेजोड़,
एकर स्वाद बस,
मैथिल टा जानैथ,
आर के जानै कोय। - Keval Narayan अहाँ सभ केँ धन्यवाद । बहुत नीक लागल । स्वाद अपूर्व छल ।
आब किछु दिनमे पान-मखानक विशेष दिन आबि जाएत । तँ पान आ मखान पर सेहो विचार कएल जाए । - Ramashankar Jamayyar फोटोग्राफी की स्पष्टता एवं कलात्मकता बेजोड़ ही नहीं चित्ताकर्षक भी है। यही गजेन्द्रजी की दूरदर्शी कलात्मकता की पहचान भी है।
- Mihir Thakur नेना बचिया कें तेल कूड़ क पायत दियौ
लाऊ लाऊ गरम भात दाइल दियौ
तरुआ क तिलकोरक पात दियौ - Akhilesh Mandal तिलकोरक तरूआ बड़ नीक होइए। मुदा ऐ तिलकोरक पात छोट-छोट अछि तरूआ जोकर नै अछि... कनी बड़का पत्ताबलाक इन्जाम हेबाक चाही ओना विदेह परिवारमे एतबेसँ हेबो नै करत...
- ShantiLakshmi Choudhary तिलकोर
छी विदेह बाड़ीक ई अखंड सोहाग भाग
मिथिला-संस्कृति पर पलरल अमरलत्ती
घरक पछुआर मे ओहिना कचरैत भेटैत
तरूआपातक तिरहुतिया तिलकोर लत्ती
बलबूत बाला महराजा दरभंगा होइ
कि गाम समाजक किओ कमजोर
सभक लिलसा पुरेवाक उदार-दानी
भरिसाल सुलभ रहताह ई तिलकोर
चौंका मे तरूआ अल्लुक होइ आकि
कदीमाफूल, तग्गर, कुम्हर-सिस्कोढ़
रमतोरय, भाटा, वा कि मिरचाइ होइ
बुझु सब छै सुन बिन एक तिलकोर
गरम गरम करूगर माछक तीमन होइ
की कबकब ओल, बुटक-बड़ी, कुम्हरोर
सभहक स्वाद तखने शोभय उत्तम सन
जखन संग उपलब्ध होइ एक तिलकोर
सुन्दर हींग देल कदीमाक तरकारी होइ
वा कि सरिसौं देल अरिकंचनक झोर
चिकना देल सजमैनि खाहे केहनो बनै
सभक सुलाज राखै छथि एक तिलकोर
समधि, जमाय सन गरिष्ठ पाहुन होइथ
वा कि मुहल्ग्गु भोजीक भाय मुँह्चोर
मामा, मोसा, पीसा, सभक सुमान अधुर
पाहुन केँ जँ नै परसलियै गरम तिलकोर
गरम गरम लोहिये मे तरूआ टुभटुभ
सुगंधे सँ मोन मे होएत रहत हिलकोर
मिथिलावासीक छैक ई खोज अनुप-सन
नै पता मिथिला ऐला कोना ई तिलकोर
नीम-हकीमी के तँ आब गप्पे छोड़ु
आब तँ पहुँचलाह ई ’एम्स’-आरोग्य
बड़का पढ़लका एम.डी. केर कान काटै
बाड़ी-बैसल चीनीक डाक्टर ई तिलकोर - Sunil Kumar Jha बडकी भौजी स तू कहिये याद बहुत आबय ये
हुनकर चक्का, सजमैन, आ तिलकोर बड़ा भावय ये - मिहिर झा wah wah shantilakshmi ji, ahan te poora mithila ke ehi tilkor me samet leliyahi. vilakshan.
- Satya Narayan Jha अहाँ तेहन चीजक फोटो देलियैक जे तिलकोरक तरुआ खेबाक मोन भ’ गेल |तिलकोरक पात खोजि क’ अनलौ आ आजुक भोजन मे तिलकोरक तरुआ भरि पोख खेलौ | धन्यबाद |
- Manish Jha tilkor ke naam sunte mon hoiyaa je katau paahun bani ke chali jayi,, lekin delhi me katau nai bhetaiyaa hamra tilkor ham jahan bihar jaii chhi tahan sang me lene aabai chhi tilkor aa kanch ke paat...rahair ke dail, arba chaur ke bhaat,aaloo paror ke tarkari,ooll ke chatni,aaloo aa tilkor ke tarua sange aam ke kuccha takra baad dahi...ki kehan rahatai yau...
- मिहिर झा Maithil ke Bhojan Pemi hoebaak pramaan ehi se beshi ki bhet sakait achhi jatay ekta Tilkor par 46 ta comment vibhinn rup me aayal hoek. Jai Mithila Jai Maithil
- Rohit Jha 47wa hamar tilkor ke taruaa taaree ke pramukh chkhna aaichh........?
- Manish Jha mihir bhaie ji ki karbai je asli mathil hetai okra ehi sab saun prem jaroor hetai..
- ShantiLakshmi Choudhary Apan kabitaa ken LIKE kenaar sabh bhaai-bahin; aa BAHUT NEEK, WAH WAH kenihaar Ashish Anchinhar Bhaiya aaor Mihir Jha Bhaiyaa ken; haaradik dhanywaad
- मिहिर झा Ashish Bhai, Maithil Chhee. Not nahi aayal ta apnahi bhoj kay del jaao.
- Ashish Anchinhar @ mihir bhai... aa sabh gote...gurgaon busstand aabi phone kru.... ajuke sanjhak...
- Bhagwatisharan Mishra सराहनीय काज। ऐ भाग-दौड़क जिनगीमे अपनेक माध्यमे भूलल-बिसरल चीजक स्मरण भेल। भगवान अपनेक कल्याण करथु
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यEugene van der Pijll आ InversionControl, wikipedia. This file is in public domain and under the terms of the GNU Free Documentation License, Version 1.2 respectively.)
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