गुरुवार, 9 अगस्त 2012

ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य Sakurai Midori,This file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 3.0 Unported license.)

    • Gajendra Thakur करोनाक गाछ।
    • Ashish Chaudhary नीक फोटो करोनाक, करोनाक अचार खेबाक मोन भऽ गेल।
    • Sunil Kumar Jha मन भावन
      करोनाक अचार
      आओर फूल
    • Pratul Parashar हमरा याद अइछ एक बेर हम गांम में चोरा क... करोना खाई छलऊं ... ओही समय एक गोटे कहलक करोना खाई छी पेट में दर्द होयत ... तखन हम अपन कक्का (काकू) के पुछलियईन कि ई फल खेला स... पेट दुखाई छई की... त कहलईन नय एक टा येह फल छय जे खट्टा होईतो पेट के लेल फाईदेमंद होई छय ... तखन स हम एकरा पसंद करैत छी... लेकिन आब दुर्लभ जेंका लगईत अछि..
    • मिहिर झा KARONDA PICKLE
      Ingredients
      250 gr fresh Karonda, washed and dried thoroughly
      1 tsp chilli powder
      1 tsp turmeric
      ½ tsp Nigella sativa seeds (kalvanji)
      60 gr salt
      50 gr green chillies (or to taste), cut into1 cm pieces
      1 tbsp fennel seeds (saunf)
      25 gr black mustard seeds (rai)
      ½ cup mustard oil heated until smoking than cooled
      ½ tsp garam masala

      Method
      Slice the fruit in half lengthways and remove the seeds.
      Place them in a jar with the chopped chillies.
      Combine all the other ingredients and mix well, then pour them over the fruit and chillies.
      Stand in a sunny place for a week and your pickle will be ready to eat with naan, or other bread, alone as a snack, or served with other dishes.
      This has Taste and is a Treat.
    • मिहिर झा 
      कारोना के गाछ बाड़ी वा बौंड्री लेल बहुत नीक होएत छैक | एकर ठारि बहुत कड़ा होएत छैक, ई लत्ति जेका सौसे पसरि जैएत छैक, ई घन्गर होएत छैक और सब से पैघ जे एही मे कान्ट सहो होएत छैक | पसारबाक प्रकृति द्वारे ई टाट / तार सब टा पर पसरि जायेत छैक | घ
      न्गर होएबाक कारण ई परदा के काज करैयत छैक, कांट रह्बाक कारण माल जाल एही बाटे प्रवेश नई करैत छैक, डिसइंफ़ेक्टंत सुगंध के कारण कीड़ा मकोड़ा के प्रवेश कम होएत छैक और सब सों बेसी, अहां के आचार के पदार्थ उपलब्ध रहैत अछि |
    • Pratul Parashar झा सर... अपने सबटा बात ठीक कहलियय.. पहिले एकर उपयोगे सेह छलई ... आब तो ... गांमों घर में लोक इटा-पाथर उपयोग करय लागल छयथ .. लेकिन एखनो जिनका बाड़ी-झाड़ी के सजावट आ सवांरवाक छैन हुनका करोनाक् गाछ के उपयोग में लेबाक चाही ... एकर उपयोग के की की लाभ छय से ,,,, अपने बड़ नीक जेंका कहलिएय ... :)
    • Brikhesh Chandra Lal सुन्दर पात
      सुन्दर फूल ।
      घेरए करोना
      बकरीक हूल ।।
      तोड़ि फड़ दाई
      अचार बनोलन्हि ।
      बौआ नाचिनाचि
      चट चटकओलन्हि ।।
      चटचट बाजय
      जी आ तालु ।
      डरे भागल
      बुढबा भालु।।
    • Brikhesh Chandra Lal Apanelokainken hridaysan Dhanybad.

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