- Brikhesh Chandra Lal घोर तपसँ
भुआसँ बनै छैक
उड़ैत रंग
खुशीक तरंगक
तितरी रंगीचंगी ! - Ira Mallick फूल पात के,
उपर तितली जौँ,
मस्त मगन
मँडरावै, ओहि के
शोभा देखि दखि के,हमरो मोन बड्ड
ललचावे, तितली
रानी जकाँ यदि दू
पंख हमरो आइ
होयतै, घूमि घूमि
सँसारक बगिया,
मस्त मग्न भ जैतौँ!
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