- Vijay Kumar .
उ पत्ता-२ हरियाली सन छ्ल हमर गामक बगिया |
सपना भेल देखला हर एक फूल गाछ पर तितलिया ||
बीसराइल सब किछु मुदा याद पड़ल आजुक फसेबूकिया |
जे करऔलाक याद पूरबरिया बगिया आ पचछबरिया || - Sushil Jha Gaam ka gheera o jhimaniyo ke latti me sundarta bashait achhi.
- Pawan Kumar sirf sundartai nai, paushtikta seho sahait aechi gamak gheera mein
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
घेरा। ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा गजल, शेर, रुबाइ, कता, हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।चित्र :सौजन्य (c) Umesh Mandal.)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें