- Sunil Kumar Jha बताबैत ये
ई दुनु टा पर्वत
की अथाह नै
किछु दुनिया में ये
ई जान लीअ सभ - Ira Mallick nirbhik tapu/
vishal samudra me/
maanu kahait/
nr sudrhirh banu/
kartavya path pr. - Sunil Kumar Jha जापानी काव्य के जेना ही कईक सौ साल पुरनका काव्य शैली छि। ई काव्य शैली के नौवीं शताब्दी से बारहवी शताब्दी में बेसी प्रसिधी भेटल रहे । ओ समय एकर विषय धार्मिक या दरबारी होयत रहे । हाइकु के जनम एकरे से भेल ये। एकर सरंचना 5+7+5+7+7=31 वर्ण के होए ये। पहिलुक कवि हिनकर पहिलुक 5+7+5=17 के रचना करय रहे आ दोसर कवि 7+7 =14 के । एही प्रकार से ई कर्म चलैत रहे । एही क्रम कखनो-कखनो एते बेसी भए जाय रहे की ई संख्या 100 तक पहुँच जाय रहे।
- Prakash Jha निगमानंद के मामला मे कोर्ट जायत मिथिला विकास परिषद् >
कोलकाताक नामी संस्था मिथिला विकास परिषद् हरिद्वार मे अनशन के दौरान भेल
स्वामी निगमानंद केर मृत्यु के बिरोध मे अदालत जयता, परिषद् के अध्यक्ष
अशोक झा जन्ताब देलनि जे स्वामी निगमानंद जी के...See MoreJune 18, 2011 at 5:42pm via · · 1 - Gajendra ThakurBrikhesh Chandra Lalबृखेशजी, 5/7/5/7/7 (पाँच पाँती) भेल टनका (tanka), 5/7/5 मे लिखलापर जँ प्रकृतिपर अछि तँ हाइकू आ जँ व्यंग्य अछि तँ शेनर्यू। विवरणात्मक गद्य जे एकसँ पाँच अनुच्छेदमे होइए आ जकर अंत 1-5 हाइकू वा टनकामे (जतेक अनुच्छेद ततेक हाइकू/ टनका) तकरा हैबून कहै छिऐ- विशेष ऐ लिंकपर:-http://
maithili-haiku.blogspot.com /2008/06/blog-post.html आ उदाहरण ऐ लिंकपर-http:// maithili-haiku.blogspot.com /2011/05/ creative-commons-attributio n-30.html
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य-Wikipedia, Fernando de Noronha, This file is licensed under the Creative Commons Attribution 2.0 Generic license. )
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