- Kripa Nand Jha प्रियतमक प्रतिबिम्ब ह्रिदय मे बसौने/मिलनक उद्वेग लय उडान भरने/मन मतंग गाबि उठल/धरती-आकाश संगहि नाचि उठल/
- Kripa Nand Jha घर पर चुल्हा उपास मे /अझुका कमाई नाव मे/समय भेल बेकाल / कोना उतरब पार//
- Gajendra Thakur अनुप्रिया जोग: स्वप्नसँ भरल/ मनक उड़ान/ अथाह गगनमे , बड्ड नीक अनुप्रिया जी। मुदा 6/6/7 अक्षर आबि गेल अछि, हेबाक चाही 5/7/5 कनेक परिवर्तन क' सकै छी, अथाह गगनमे केँ दोसर पाँती क' दियय, आ शेष दू पाँतीमे एक-एक वर्ण हटा दियौ। बड्ड नीक...
- Gajendra Thakur आनन्द जी आ कृपानन्द जी, तीन पाँतीमे 5/7/5 क्रममे लिखू, निअम नीचाँ अछि:-
हैकू निअम १.
हैकू १७ अक्षरमे लिखू, आ ई तीन पंक्त्तिमे लिखल जाइत अछि- ५ ७ आ ५ केर क्रममे। अक्षर गणना वार्णिक छन्दमे जेना कएल जाइत अछि तहिना करू।
वार्णिक छन्दक परिचय लि...See More - Gajendra Thakur 17 सिलेबल बला वार्णिक छन्द मे 17 वर्ण सेहो होइ छै, से एकर प्रयोग मैथिली लेल कएल गेल अछि।
- Gajendra Thakur सभटा हाइकू देखलहुँ एक बेर रिराइट क' दियौ 5/7/5 फॉर्मेटमे।
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू लिखू। (चित्र: सौजन्य तुनिशा प्रियम )
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