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- Anand Jha Thik chhai bhai ji hmra jada gyan nai achhi ham fer prayas karai chhi
- Gajendra Thakur अनुप्रिया योग: सूर्यक आभामे/ मंजिल देखा गेल/ जीवन केर नव रूप (6-7-9), एकरा 5/7/5 मे क' दियौ, ओना बड्ड नीक...
- Gajendra Thakur अनुप्रिया योग: सूर्यक आभा/ मे मुखरित/ जीवन (5/5/3) दोसर मे दू अक्षर बढबियौ आ तेसरमे सेहो दू अक्षर बढबियौ तँ 5/7/5 भ' जाएत
- Gajendra Thakur 17 सिलेबल बला वार्णिक छन्द मे 17 वर्ण सेहो होइ छै, से एकर प्रयोग मैथिली लेल कएल गेल अछि। हैकू निअम १.
हैकू १७ अक्षरमे लिखू, आ ई तीन पंक्त्तिमे लिखल जाइत अछि- ५ ७ आ ५ केर क्रममे। अक्षर गणना वार्णिक छन्दमे जेना कएल जाइत अछि तहिना करू।
वार्णिक छन्दक परिचय लिअ। एहिमे अक्षर गणना मात्र होइत अछि। हलंतयुक्त अक्षरकेँ नहि गानल जाइत अछि। एकार उकार इत्यादि युक्त अक्षरकेँ ओहिना एक गानल जाइत अछि जेना संयुक्ताक्षरकेँ। संगहि अ सँ ह केँ सेहो एक गानल जाइत अछि।द्विमानक कोनो अक्षर नहि होइछ।मुख्य तीनटा बिन्दु यादि राखू-
1.हलंतयुक्त्त अक्षर-0
2.संयुक्त अक्षर-1
3.अक्षर अ सँ ह -1 प्रत्येक।
आब पहिल उदाहरण देखू
ई अरदराक मेघ नहि मानत रहत बरसि के=1+5+2+2+3+3+3+1=20 मात्रा
आब दोसर उदाहरण देखू
पश्चात्=2 मात्रा
आब तेसर उदाहरण देखू
आब=2 मात्रा
आब चारिम उदाहरण देखू
स्क्रिप्ट=2 मात्रा
मुख्य वैदिक छन्द सात अछि-गायत्री,उष्णिक् ,अनुष्टुप् ,बृहती,पङ् क्त्ति,त्रिष्टुप् आ जगती। शेष ओकर भेद अछि अतिछन्द आ विच्छन्द। छन्दकेँ अक्षरसँ चिन्हल जाइत अछि। यदि अक्षर पूरा नहि भेलतँ एक आकि दू अक्षर प्रत्येक पादमे बढ़ा लेल जाइत अछि।य आ
व केर संयुक्ताक्षरकेँ क्रमशः इ आ उ लगा कय अलग केल जाइत अछि।जेना-
वरेण्यम्=वरेणियम्
स्वः= सुवः
गुण आ वृद्धिकेँ अलग कयकेँ सेहो अक्षर पूर कय सकैत छी।
ए= अ + इ
ओ= अ + उ
ऐ= अ/आ + ए
औ= अ/आ + ओ
हैकू निअम २.
व्यंग्य हैकू पद्यक विषय नहि अछि, एकर विषय अछि ऋतु। जापानमे व्यंग्य आऽ मानव दुर्बलताक लेल प्रयुक्त विधाकेँ "सेर्न्यू" कहल जाइत अछि आ एहिमे किरेजी वा किगो केर व्यकरण विराम नहि होइत अछि।
हैकू निअम ३.
प्रथम ५ वा दोसर ७ ध्वनिक बाद हैकू पद्यमे जापानमे किरेजी- व्याकरण विराम- देल जाइत अछि।
हैकू निअम ४.
जापानीमे लिंगक वचन भिन्नता नहि छैक। से मैथिलीमे सेहो वचनक समानता राखी सैह उचित होएत।
हैकू निअम ५.
जापानीमे एकहि पंक्त्तिमे ५ ७ ५ ध्वनि देल जाइत अछि। मुदा मैथिलीमे तीन ध्वनिखण्डक लेल ५ ७ ५ केर तीन पंक्त्तिक प्रयोग करू। मुदा पद्य पाठमे किरेजी विरामक ,जकरा लेल अर्द्धविरामक चेन्ह प्रयोग करू, अतिरिक्त्त एकहि श्वासमे पाठ उचित होएत।
हैकू निअम ६.
हैबुन एकटा यात्रा वृत्तांत अछि जाहिमे संक्षिप्त वर्णनात्मक गद्य आऽ हैकू पद्य रहैत अछि। बाशो जापानक बौद्ध भिक्षु आऽ हैकू कवि छलाह आऽ वैह हैबुनक प्रणेता छथि। जापानक यात्राक वर्णन ओऽ हैबुन द्वारा कएने छथि। पाँचटा अनुच्छेद आऽ एतबहि हैकू केर ऊपरका सीमा राखी तखने हैबुनक आत्मा रक्षित रहि सकैत अछि, नीचाँक सीमा ,१ अनुच्छेद १ हैकू केर, तँ रहबे करत। हैकू गद्य अनुच्छेदक अन्तमे ओकर चरमक रूपमे रहैत अछि। - Ashish Anchinhar vah, neek , anupriya ji ke rup me hamra lokni neek haiku kar paolanhu.
- Gajendra Thakurऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू लिखू। (चित्र: सौजन्य तुनिशा प्रियम )..तुनिशा प्रियम, माँक नाम- स्व. निभा रानी, पिता- डॉ. रमेश कुमार राय, नाना- प्रो. शिवनाथ मंडार, विभागाध्यक्ष भूगोल, बलिराम भगत कॉलेज, समस्तीपुर। नानी- श्रीमति निरुपमा पटेल, प्रधानाध्यापिका, म.वि.गाँधीपार्क, समस्तीपुर। जन्मतिथि- २०-१०-१९९८ पैतृक गाम- मँझौलिया, प्रखण्ड- बोचहा, जिला मुजफ्फरपुर, मातृक- ग्राम-धोबियाही, पोस्ट- बहेड़ी, जिला-समस्तीपुर। छात्रा- कक्षा- सप्तम “अ”, डी.ए.वी. स्कूल, समस्तेपुर। आदर्श- नानाजी। आवास, आशियाना भवन, रोड नं.०२, आदर्शनगर, समस्तीपुर.
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