- Subhash Chandra पाथर पर बैसि
टुकुर-टुकुर ताकि रहल
संगे सोची रहल
किएक हमर
संख्या काम भ रहल ? - Dhiraj Kumar Jha संस्कृति पुछत पाग की होईयs
खूब ख़व तरल पता चलत साग की होईयs
की देवै जबाब जब
पोता पुछत बाघ की होईयs
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्य-Caelio,Wikimedia, This file is licensed under the Creative Commons Attribution-Share Alike 3.0 Unported license/ terms of the GNU Free Documentation License, Version 1.2. )
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