- Jyoti Suneet TANKA (5-7-5-7-7)
In this dense smoke of
Your confusing existence
My dear GodHow can I sustain
My faith in you within all
Ups and downs of life here - Jyoti Suneet In this dense smoke of
Your confusing existence
How can I sustain
My faith in you within all
Ups and downs of life here
I think this is the correct form - Gajendra Thakur प्रकृति रोष/ कुश तिल जलसँ/ विधवा बनि/ सधवा की विभेद/ दूबि अक्षत जल (टनका/ वाका)
- Gajendra Thakurकरहड़ उपारि कऽ खाउ, प्रकृतिकेँ घरमे बसाउ, फुलवारी बनाउ, पहाड़क फोटो बना कऽ घरमे लटकाउ। आ भऽ जाउ प्रक्रुति प्रेमी। गामकेँ नग्रमे लऽ आउ, चित्रकारीसँ, कलाकारीसँ, बुधियारीसँ।...See More
- Gajendra Thakur हैबूनमे वर्णनात्मक गद्यक संग हाइकू(5/7/5) वा टनका/वाका (5/7/5/7/7)मिश्रित रहै छै, ऊपरमे हाइकू/ शेनर्यू/ टनका आ हैबूनक उदाहरण देने छी। ऐ आधारपर सम्भव हुअए तँ हैगा (चित्र-अलंकरण जे ऐ सँ मेल खाइत हुअए) सेहो बनाउ- ओना एकटा उदाहरण तँ ई देल चित्र अछिये।..
- Anupriya Yoga madhyam vargak/ghar kahi ya neend me/hasait balak.............
- Ashish Anchinhar anupriya ji bahut neek. anha haiku blog http://
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maithili-haiku.blogspot.com / ira ji anha ekro avlokan karu - Ashish Anchinhar hmra lokni haiku likhe bala ke like tan karait chaiyaik, comment tan dait chiyaik, muda janikar chitra san prerna bheti rahal achi se vastvik rupen ekar hakdar chahthi. samast haiku aa maithili sahity dis san ehi chitra banenihar ke dhanyvad aa shubhkamna.
- Ashish Anchinhar Gajendra Thakur---- bahi anha ira ji ke invite kene hebainh se aasha.
- Sunil Kumar Jha एही के टनका कहय छैक की ताँका
ताँका -:जापानी काव्य के जेना ही कईक सौ साल पुरनका काव्य शैली छि। ई काव्य शैली के नौवीं शताब्दी से बारहवी शताब्दी में बेसी प्रसिधी भेटल रहे । ओ समय एकर विषय धार्मिक या दरबारी होयत रहे । हाइकु के जनम एकरे से भेलये। एकर सरंचना 5+7+5+7+7=31 वर्ण के होए ये। पहिलुक कवि हिनकर पहिलुक 5+7+5=17 के रचना करय रहे आ दोसर कवि 7+7 =14 के । एही प्रकार से ई कर्म चलैत रहे । एही क्रम कखनो-कखनो एते बेसी भए जाय रहे की ई संख्या 100 तक पहुँच जाय रहे।
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू।
ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू। टिप्पणी:जापानमे ईश्वरक आह्वान टनका/ वाका प्रार्थना ५ ७ ५ ७ ७ स्वरूपमे होइत छल। "सेनर्यू"मे किरेजी नै होइ छै आ एकरामे प्रकृति, चान सँ आगाँ हास्य-व्यंग्य होइ छै। मुदा एकर फॉर्मेट सेहो हाइकू सन 5/7/5 सिलेबलक होइ छै। जापानी सिलेबल आ भारतीय वार्णिक छन्द मेल खाइ छै से 5/7/5 सिलेबल भेल 5/7/5 वर्ण / अक्षर। संस्कृतमे 17 सिलेबलक वार्णिक छन्द जइमे 17 वर्ण होइ छै, अछि- शिखरिणी, वंशपत्रपतितम, मन्दाक्रांता, हरिणी, हारिणी, नरदत्तकम्, कोकिलकम् आ भाराक्रांता। तैँ 17 सिलेबल लेल 17 वर्ण/ अक्षर लेलहुँ अछि, जे जापानी सिलेबल (ओंजी)क लग अछि। किरेजी माने ओहन शब्द जतएसँ दोसर विचार शुरू होइत अछि, किगो भेल ऋतुसँ सम्बन्धी शब्द। किरेजी जापानीमे पाँतीक मध्य वा अंतमे अबै छइ आ तेसर पाँतीक अंतमे सेहो जखन ई पाठककेँ प्रारम्भमे लऽ अनै छै। हाइकू जेना दू प्रकृतिक चित्रकेँ जोड़ैत अछि एकरा संग चित्र-अलंकरण विधा "हैगा" सेहो जुड़ल अछि। जापानमे ईश्वरक आह्वान टनका/ वाका प्रार्थना ५ ७ ५ ७ ७ स्वरूपमे होइत छल जे बादमे ५ ७ ५ आ ७ ७ दू लेखक द्वारा लिखल जाए लागल आ नव स्वरूप प्राप्त कएलक आ एकरा रेन्गा कहल गेल। बादमे यएह कएक लेखकक सम्मिलित सहयोगी विधा “रेन्कु”क रूपमे स्थापित भेल।हैबुन एकटा यात्रा वृत्तांत अछि जाहिमे संक्षिप्त वर्णनात्मक गद्य आऽ हैकू पद्य रहैत अछि। बाशो जापानक बौद्ध भिक्षु आऽ हैकू कवि छलाह आऽ वैह हैबुनक प्रणेता छथि। जापानक यात्राक वर्णन ओऽ हैबुन द्वारा कएने छथि। पाँचटा अनुच्छेद आऽ एतबहि हैकू केर ऊपरका सीमा राखी तखने हैबुनक आत्मा रक्षित रहि सकैत अछि, नीचाँक सीमा ,१ अनुच्छेद १ हैकू केर, तँ रहबे करत। हैकू गद्य अनुच्छेदक अन्तमे ओकर चरमक रूपमे रहैत अछि। (चित्र: सौजन्य तुनिशा प्रियम )..तुनिशा प्रियम, माँक नाम- स्व. निभा रानी, पिता- डॉ. रमेश कुमार राय, नाना- प्रो. शिवनाथ मंडार, विभागाध्यक्ष भूगोल, बलिराम भगत कॉलेज, समस्तीपुर। नानी- श्रीमति निरुपमा पटेल, प्रधानाध्यापिका, म.वि.गाँधीपार्क, समस्तीपुर। जन्मतिथि- २०-१०-१९९८ पैतृक गाम- मँझौलिया, प्रखण्ड- बोचहा, जिला मुजफ्फरपुर, मातृक- ग्राम-धोबियाही, पोस्ट- बहेड़ी, जिला-समस्तीपुर। छात्रा- कक्षा- सप्तम “अ”, डी.ए.वी. स्कूल, समस्तेपुर। आदर्श- नानाजी। आवास, आशियाना भवन, रोड नं.०२, आदर्शनगर, समस्तीपुर.
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