(१)
अगहनमे
कटनी करैए ओ
धान खेतमे
(२)
भरि दिन ओ
झाँट-बर्खा सजैए
रोपनि लेल
(३)
गर्मी मासमे
किसानक आशमे
ठंढ़ी अबैए
(४)
वनमे बास
वनफूलक आस
अमलतास
(५)
हरिअरसँ
तेज भऽ जाइत छै
आँखिक ज्योति
(६)
शान्त हवासँ
अन्हर-बिहाड़िक
आगम होइ
(७)
पीपर पात
बिहरन आप्त छै
तैयो डोलैत
(८)
अन्हार गुप्प
हाथो-हाथ ने सुझै
हवा बहैत
(९)
किष्कार मास
लताम लुबधल
पीरे-पीअर
(१०)
गोल-मोल छै
धप्-धप् चान छै
दाग लागल
(११)
तिक्खर रौद
बालुक जहाजकेँ
तेजी अनैत
(१२)
मरूआ बीआ
रोहनि आम दुनू
उमझै पकै
(१३)
चम्पा-चमेली
रोहनिक नक्षत्र
कड़क रौद
(१४)
रँगल कोसा
लेने अबैत संग
केरा घौरकेँ
(१५)
मोर-मोरनी
सह पाबि वादल
नाचए लगै
(१६)
केराक वीर
अपन वीरताकेँ
घोकचौअने
(१७)
उज्जर मेघ
टिकरी बनि-बनि
जेना चलैए
(१८)
अंडी छाहरि
दैत अछि राहति
कोशिकन्हामे
(१८)
कनैल फूल
पत्तामे नुकाएल
रहैत अछि
(१९)
थल कमल
गाएक घंटी सन
होइत अछि
(२०)
इन्द्र कमल
होइत अछि फूल
उज्जर धप्प
(२१)
मेघ बादल
दुनू चलै साधल
पहाड़ी दिस
(२२)
मेघ लटकै
प्रकाश छिरियाइ
प्रकृति नाचै
(२३)
शक्ति प्राकृत
समाने सजल छै
देव नै भेद
(२४)
सुआद आम
केना पबैत अछि
चिन्हू देवकेँ
(२५)
माघ-फागुन
मजरि आम गाछ
टुकिलिआइ
(२६)
बोनक बाट
उत्तरे-दछिने छै
धार सदृश
(२७)
अन्हर-जाल
भुरुकबा सूर्ज छै
मानि फरिच्छ
(२८)
अपराजित
सुधरि कऽ बदलि
कारी उज्जर
(२९)
थल-कमल
बदलि रंग गाढ़
लाल-उज्जर
(३०)
गर पकड़ि
धड़ैत बिहाड़ि छै
जेठुआ गरे
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