शेर्न्यू
शब्दक घाव
खोधै छी कलमसँ
भावक लेल
मरबै तैयो
जीबाक पियाससँ
तड़पै सब
बापकेँ फेकै
पुरना अखबार
बेचैछ जेना
रिश्ताक स्वाद
मिरचाइक गुण्डी
नीमक पात
धनक भूख
पियास नै मिझाइ
ओस चाटि कऽ
अनका दोष
नै दे जँ निज मोन
प्रदुषित छै
फैसनेबुल
भीख माँगै बाटी लऽ
दहेज जे लै
अमित मिश्र
शब्दक घाव
खोधै छी कलमसँ
भावक लेल
मरबै तैयो
जीबाक पियाससँ
तड़पै सब
बापकेँ फेकै
पुरना अखबार
बेचैछ जेना
रिश्ताक स्वाद
मिरचाइक गुण्डी
नीमक पात
धनक भूख
पियास नै मिझाइ
ओस चाटि कऽ
अनका दोष
नै दे जँ निज मोन
प्रदुषित छै
फैसनेबुल
भीख माँगै बाटी लऽ
दहेज जे लै
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें