सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

हाइकू/शेर्न्यू

हाइकू/शेर्न्यू

नाह मनुख
सुख दुख दू कात
जीवन नदी

पानक पात
प्रेमक कत्था पाबि
अमर भेल

पिज्जा-बर्गर
करतै परतर
तिलकोरक

माँछक भोज
मिथिलेमे होइ छै
मीठ मखान

खाइ कचरा
करै छै मैल साफ
दुषित गंगा

एतै चुनाव
दारू टाका बँटतै
फँसतै दंगा

छोड़ि दै ऐंठा
नै दै ककरो भीख
नै बाँटै अंगा

करू अहं नै
शनिक चोट खा कऽ
जड़त लंका

अमित मिश्र

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