चैतक मास
पछबा हन-हन
माल चरैए ।
पड़रु पीठ
बगुला बइसल
ढील फँकैए ।
बूट मटर
ओरहा सोन्हगर
मुँह पकैए ।
आम्र मज्जर
टिकुला लुधकल
लुक्खी खाइए ।
जुड़-शीतल
कटहर के बर
बड़ी पकैए ।
हर्षित मोन
कोइलीक बाजब
गीत लगैए ।
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