सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

हाइकू/शेर्न्यू

हाइकू/शेर्न्यू

1.जागल आँखि
स्वस्थय समाजक
सपना देखै

2.सूतल मोन
नै देकै पसरल
कूव्यवस्थाकेँ

3.एकता नै छै
अनेकतामे जीबै
भारतवासी

4.मातल हवा
मदहोश करै छै
एलै फागुन

5.गन्दोमे फूल
कादोमे छै कमल
शीपमे मोती

6.धर्म नै जानै
बमक गर्म लुत्ती
जड़ै छै सब

7.छै जन्मदिन
सालमे एकबेर
उम्र घटाबै

8.नीक-बेजाए
आगिक प्रेममे तँ
फतिंगे जड़ै

9.गन्ध लोभाबै
लपटल भुजंग
चन्दन गाछ

अमित मिश्र

शेर्न्यू

शेर्न्यू

जग मरू भू
डेग डेग तिलस्म
फूसिक खेल

आठो पहर
धड़कैत करेज
डरक राज

मैल मोनसँ
पूण्य करू यात्रा कऽ
चारू धामक

माँटि बिकाइ
प्रताप एहन छै
उदयनक

बदनामीसँ
नारिक इज्जत तँ
चूर चूर छै

अमित मिश्र

शेर्न्यू

शेर्न्यू

शब्दक घाव
खोधै छी कलमसँ
भावक लेल

मरबै तैयो
जीबाक पियाससँ
तड़पै सब

बापकेँ फेकै
पुरना अखबार
बेचैछ जेना

रिश्ताक स्वाद
मिरचाइक गुण्डी
नीमक पात

धनक भूख
पियास नै मिझाइ
ओस चाटि कऽ

अनका दोष
नै दे जँ निज मोन
प्रदुषित छै

फैसनेबुल
भीख माँगै बाटी लऽ
दहेज जे लै

अमित मिश्र

हाइकू/शेर्न्यू

हाइकू/शेर्न्यू

नाह मनुख
सुख दुख दू कात
जीवन नदी

पानक पात
प्रेमक कत्था पाबि
अमर भेल

पिज्जा-बर्गर
करतै परतर
तिलकोरक

माँछक भोज
मिथिलेमे होइ छै
मीठ मखान

खाइ कचरा
करै छै मैल साफ
दुषित गंगा

एतै चुनाव
दारू टाका बँटतै
फँसतै दंगा

छोड़ि दै ऐंठा
नै दै ककरो भीख
नै बाँटै अंगा

करू अहं नै
शनिक चोट खा कऽ
जड़त लंका

अमित मिश्र

शेर्न्यू

शेर्न्यू

1.फाटल धरा
समा गेली जानकी
गंजन सहि

2.टाका चाहियै
कोनो काजक नै छै
प्रीतक बोनि

3.एकटा शब्द
भुकम्प आनि दै छै
सम्बन्ध बीच

4.अन्हार घर
साँपे साँप पसरल
चौबगली छै

5.भोजक बेर
अनकर खर्च जानि
बनै चटोरी

6.पाथर मोन
बोलिएसँ बनै छै
मोम सनक

7.झगड़ा -झाँटी
करा दै छै वचन
तौल कऽ बाजू

8.बसन्त संग
अजबे छवि चढ़ै
यौवन पर

अमित मिश्र