गुरुवार, 31 जनवरी 2013

हाइकू/शेर्न्यू

हाइकू/शेर्न्यू

शान्त जीवन
ठमकल पानिमे
किटाणु लागै

ककरो खुशी
पुरनि पर पानि
ठहरै नै छै

साहित्योमे
पैसल अधसर
और लठैत

आलसी लोक
ई इनारक बेंग
एक समान

पोताक हँसी
बाबाक लेल बनल
चमेली सन

माएक प्रीत
कस्तुरी सन अछि
गमकै खूब

केराक पात
उठि गेलै भोजमे
पलेट लग

एकटा गीत
मधु सन प्रेमक
जीबाक लेल

खाधि पोखरि
भरल मखान छै
मिथिला भरि

साँझ पराती
खूब गाबै चिड़ैयाँ
जेड़क-जेड़

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें