हाइकु
गद्दह बेर
गिरगिट बाजय
पहिले साँझ।
घुरक धुआँ
धुआयल अकास
मालक थैरि।
बारल साँझ
गोसाउनिक गीत
गमकै धूप।
गोइठा आँच
लहलह लहके
राति अन्हार ।
मरुआ रोटी
गमकैत फोरन
माछक झोर ।
अँगना पिढ़ी
बैसल खेनहार
नेना भुटका ।
निःशब्द राति
प्रियतम संगमे
हँसी-ठिठोली ।
प्रेमहि लीन
गमकैत कामिनी
भोरबा राति ।
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