हैगा चित्र- तुनिशा प्रियम
1.टनका/ वाका
प्रकृति रोष
कुश तिल जलसँ
विधवा बनि
सधवा की विभेद
दूबि अक्षत जल
2.शेनर्यू
बनैया लोक
घरक पनिबह
बिदति नहि
3.हाइकू
करबीरसँ
घर गाछ पहाड़
घेरल अछि
4.हैबून
करहड़ उपारि कऽ खाउ, प्रकृतिकेँ घरमे बसाउ, फुलवारी बनाउ, पहाड़क फोटो बना कऽ घरमे लटकाउ। आ भऽ जाउ प्रक्रुति प्रेमी। गामकेँ नग्रमे लऽ आउ, चित्रकारीसँ, कलाकारीसँ, बुधियारीसँ।
खेलाइ हम
करियाझुम्मरिमे
नीचाँ अकास
एकपेड़िया सड़क कतऽ पाबी आब, आब तँ चारि लेन सेहो कम चकरगर मानल जाइए। छह लेन, आठ लेन। अकास मलिछोंह,गाछक हरियरी मलिछोंह। मोन मलिछोंह। मुदा सड़क, घर सभ फोटो सन चिक्कन चुनमुन।
लिखी चित्रसँ
घरक खाका आइ
छी जङलाह
BHAI LOK CHAND KE BISARI RAHAL CHAL, VIDEHIE CHAND SAHI MUDA CHAND DIS TAN LOK GHURAL. BADHAI. AASHA ACHI JE PAGDHARI SABH SEHO APAN CHAND APR DHEAN DETAH.
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