१
हरित-कञ्च
लाल-उज्जर ठोप
हृदै संगोर
२
मरुद्यान नै
जलोदीपमे द्वीप
बालु नै पानि
३
ओ नील मेघ,
समुद्र पृथ्वी छोड़ि
भेल अकासी
४
पात आ चिड़ै
एक दोसरा सन
स्किन कलर
५
अकासी जल
पानिक अकासमे
रस्ता चीरैए
६
ई हिमपात
हिम सन अकास
आ धरा गाछ
७
सूर्यक पूब
आशाक छै किरण
मुदा रक्ताभ
८
प्रकृति पानि
हहारोहक बाद
शांत प्रशांत
९
व्याकुल चिड़ै
ठूठ गाछ सुखौंत
छै हतप्रभ
१०
प्रकृति नृत्य
प्रकृति संग जीब
प्रकृति भऽ कऽ
११
प्रकृति प्रेम
प्रकृति संग जीब
प्रकृति भऽ कऽ
११
अलैचढ़ल
उत्साह हमर जे
देखी दोहारा
१२
अमरलत्ती
पनिसोखा जकाँ की
छूत अकास
१३
कजराएब
अकासक ऐ गाछ,
मेघक संग
१४
देव डघर
अकाससँ उतरि
पृथ्वी अबैत
१५
धुरिया साओन
फेर भदबरिया
रेत पयोधि
१६
कचौआबध
मनोरथ गामक
जबका मारल
१७
गाछ बृच्छ आ
चिड़ै चुनमुनीक
बीच खेबै छी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें