गुरुवार, 22 सितंबर 2011

किछु हाइकू/ टनका/ हैबून


लैत ढुइस
कालिदासे लड़ैए
टुड़नीपर



माछक घर
सहथ गाँथि आनी
अपना घर



समुद्र थल
मिलैए अकासमे
त्रिशंकु भेल



प्रकृति ऐना
उधियाइत दृश्य
मोनक ऐना!



निचुका ढाला
उपरका चढ़ाइ
दुनू सरल

गोड़ाक लीद/ घोड़े सन रंगक/ आ रूपक छै

घर हमर/ नारक टाल सन/ उड़िऐत नै

आसक अछि/ पनिसोखा उगल/ चलू बढै छी

भेल उबेर/ उगल पनिसोखा/ काज करै छी/ बहराइ घरसँ/ बाट भेटल अछि (टनका)
१०
पनिसोखा ई/ उगल अकासमे/ उपरे ऊपर! (शेनर्यू)
११
आह, आब हएत उबेर, उगि गेल अछि पनिसोखा, खुजि गेल अछि बाट, बनिहार बिदा भेल बनिज करए, आ किसान बीया उखारि रोपनि लेल आ हम बिदा भेलौं कोनो अकाजक काज लेल, अन्तहीन बाटपर, सुकाजक काज लेल , दिशाहीन ठमकल चौबटिया दिस।
बाट तकैत
ताकी अकास दिस
विचित्र भ्रम
जेना ई पनिसोखा
उगि खोलत बाट


तखन फेरसँ ताकब, हेरब अपन समान, आ बर्खा होइ धरि चलैत रहब। तँ ई कहब जे बर्खा होइ धरि चलैत रहब कोनो पलायन तँ नै। पनिसोखा उगले अछि, बाट खुजले अछि आ हम बाट ताकि रहल छी आबैबला बर्खाक?
सतरंगिया
अछि ई आस
उगैए आस
डुबबाले अकास
बनि गेल संत्रास
(हैबून -दू टा गद्य आ दूटा टनका युक्त)
१२
सेहन्ता लेने/ ठाढ़ छी मरियो कऽ/ देखबै दिन
१३
कपोत नृत्य /गजदन्त बनल/ छी ठाढ़ सोझाँ
१४
टकराइए / हहारोह करैत/ टूटि जाइए
१५
अमरलत्ती/ गछारने गाछकेँ/ ओकरा मारि/ अपने बनि गेल/ अछि अमरलत्ती
१६
गरजै मेघ/ चमकैए बिजुरी/ प्रकृति नृत्य
१७
बिजुरी देखि/ मोन पड़ैए प्रेम / जे नै भेटल / हिलोरैए मेघ ई/ ह्रिदै भीतरधरि
१८
घिचै छी आस/ बरफपर नाह/ बिन प्रयास/ मोनक उछाही आ/ आसक प्रयासमे
१९
अम्ल बरखा/ नमछुरुक अछि/ देलियन्हि कऽ/ सुड्डाह सेहो बनि/ बनि काल-बरखा
२०
जीवन-बर्खा/ बर्खा दैए जीवन/ अम्लक बर्खा/ छद्मवेशी बनि कऽ / बनल मृत्यु-बर्खा
२१
जरियो गेल/ तैयो अछि ठाढ़ ई/ मुँह दुसैत
२२
सजीव हीन / सृष्टिविहीन लोक/ असगर छी/ कला तैयो मरल?/ नृत्य तैयो रुकल?
२३
मखान पान/ दिन तका भेटैए/ पहिचान जे/ पैकारक हाथमे/ बिका रहल अछि
२४
अहरा अछि/ पिरारक फड़ ई/ गरीबक यौ
२५
रातिक झोंझ/ राति अपने अछि/ कीड़ा आ चिड़ै/ वातावरण अछि/ शान्त आकि भुताह
२६
बौआचौरीमे/ चरि पेट लटकै/ घर घुरु ने/ चरबाहकेँ ताकै/ निकेना तँ अछि ओ
२७
अपरम्पार/ माइक ममताक/ विलक्षणता