गुरुवार, 9 अगस्त 2012

ऐ प्राकृतिक दृश्यपर एकटा हाइकू/ टंका/ शेनर्यू/ हैबून लिखू ।(चित्र :सौजन्यKaotuka, Wikipedia. This work is in public domain)

    • Gajendra Thakur मखान पान/ दिन तका भेटैए/ पहिचान जे/ पैकारक हाथमे/ बिका रहल अछि
    • मिहिर झा मीन पीन पाखीन पुराणे
      भारि भारि भार कहारन आने
      August 25, 2011 at 2:22pm ·  · 2
    • Ashish Anchinhar i tan tulsi das kr line chanhi.... mihir bhai....
    • मिहिर झा ने उपलब्ध / स्वर्गो मे से पायब /पान - मखान / अप्पन गाम-धाम / अप्पन मिथिला मे |
      August 25, 2011 at 2:34pm ·  · 4
    • मिहिर झा ‎@ashish bhai, han, makhan dekhi ke mon pari gel
      August 25, 2011 at 2:35pm ·  · 3
    • मिहिर झा माछ-मखान / दुनु ने होई संगे / विधि - विधान
      August 25, 2011 at 4:38pm ·  · 2
    • Santosh Jha ‎" आइ मिथिलाक पह्चान सेहो अहिना गुम भ गेल अछि , जहिना का॑‘ट भरल पात तर मखान , करै जाउ आह्वान जे सभ मैथिल भाइ-बहिन ईक्छा शक्तिक बड.का गान्ज ल क आबी , आ अप्पन पहचान के खोजि क , ओकरा मखान जेका॑॑ उज्जर दप - दप बना , दुनिया भरि मे छिरियाबी !"
    • मिहिर झा कांट तर से / जन्मै छ्य शुभ्रता / जेना मखान |
    • Purushottam Kumar साहि‍त्‍यक सभ वि‍धामे नीक नीक बउस सभ अपन भाषामे पढ़बाक लेल एहि‍ वि‍देहपर भेटैए.. धन्‍यवाद वि‍देह...
    • डॉ॰ शशिधर कुमर 

      पग - पग पोखरि - पान - मखान, जानि ने कहिया सँ गाबी ।
      डबरा - पोखरि - धार बीच हम, कतेक जतन सँ उपजाबी ।।
      से मखान अन्तऽ संस्कृत भए, "फास्ट फूड" बनि सोझाँ अछि ।
      हम हक्कन कनिते रहि गेलहुँ , जगमग सौंसे दुनिञा अछि ।।
    • डॉ॰ शशिधर कुमर नोट :- “हाइकू / सैनर्यू / टंका / हैबून” केर अंतर्गत हमरा द्वारा प्रेषित हरेक पाँती हमरा द्वारा लिखल कोनो ने कोनो कविता वा गीतक अंश थिक ।

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