गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

हाइकू

दादा -:
नेता बनिके
पहिरे लागल ये
खादी कुरता

दादी-:
पान चबौने
नेने हाथ में लाठी
घूमि रहल

बाबूजी -:
धिया पुता ले
रौद में दिन भरि
खटैत रहे

माय -:
बनि पुतौह
करैत ये चाकरी
अपने घोर


बहिन -:
भेल जवान
बियाहक आस में
गिनैत दिन

भाई -:
लुच्चा बनिके
अंगना दुआर पे
छिछियाबैत

हम -:
देखि सुनि के
परिवारक गाथा
भेलोंउ क्षुब्ध

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