गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

हाइकू

1
संगोर राति
दिन राति सन-ए
आ राति राति
2
दूर क्षितिज
मुँह घुरौने सभ
अपने भेर
3
दूर क्षितिज
वृत्तक नहि अंत
लगक छद्म
4
मेघक सीढ़ी
अकासक मचान
हिम छारल


5
अन्हार जोति
कएल प्रकाशित
अंतःप्रकाशे
6
सलाढ़ आब
अरियालङ्घनक
बादक हाल
7
अगरजित
खसब नै उठब
ओतै रहब
8
साँप घुमैत
पहुँचैए शिखर
रस्ता बनैए
9
जलपै बेढ़ी
बोनाठ धमाउर
उपटाएब
गजल
10
डलबाह नै
पंजियार भगता
भगैतिया नै
11
केराक बीर
काज करब कनी
खाएब टुस्सा
12
घुमौआ मोड़
चौबटिया बनि कऽ
आनैए आस
13
झरैए पानि
बनबैए धार आ
बढ़ैए आगाँ

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